CDSCO रिपोर्ट में पंजाब की 11 दवाओं के सैंपल फेल: देशभर में दवा की गुणवत्ता पर उठे सवाल
- By Gaurav --
- Saturday, 25 Oct, 2025
11 drug samples from Punjab fail CDSCO report:
11 drug samples from Punjab fail CDSCO report: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की एक रिपोर्ट में देशभर की 112 दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गई हैं। इनमें पंजाब में निर्मित 11 दवाएं भी शामिल हैं, जिससे दवा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, कुल 112 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे हैं। इनमें सबसे अधिक 49 दवाएं हिमाचल प्रदेश से, 16 गुजरात से, 12 उत्तराखंड से, 11 पंजाब से और 6 मध्य प्रदेश से संबंधित हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन विफल दवाओं में तीन कफ सिरप भी शामिल हैं, जिनमें से एक नकली पाया गया है।
ये दवाएं दिल, कैंसर, मधुमेह, हाई बीपी, दमा, संक्रमण, दर्द, सूजन, एनीमिया और मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाती हैं। इन दवाओं के गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने से मरीजों के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ सकता है।
कुछ समय पहले पंजाब सरकार ने 8 दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी, जिसमें कोल्ड्रिफ कफ सिरप भी शामिल था। अब CDSCO की रिपोर्ट के बाद, इन दवाओं के संबंधित बैच को बाजार से हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
सभी मेडिकल स्टोर, डॉक्टरों और अस्पतालों को आदेश दिया गया है कि वे इन दवाओं का स्टॉक तुरंत जमा कराएं और मरीजों को सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराएं। पंजाब में निर्मित जिन 11 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनकी सैंपलिंग के बाद संबंधित फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
पंजाब सरकार ने राज्य में बनी दवाओं पर ही नहीं, बल्कि हाल ही में चर्चा में रहे कफ सिरप कोल्ड्रिफ को भी तुरंत प्रतिबंधित कर दिया था। इस सिरप से मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत की घटनाएं सामने आई थीं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों में इसके इस्तेमाल, बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पंजाब सरकार ने राज्य में निर्मित 11 दवाओं को गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने के कारण प्रतिबंधित कर दिया है। ये दवाएं तीन फार्मा कंपनियों द्वारा बनाई जा रही थीं। मरीजों को दवाएं देने के बाद प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय ने इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। यह कार्रवाई कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध के लगभग 12 दिन बाद की गई है, जिसके बाद सरकार ने पहले 8 अन्य दवाओं पर भी रोक लगाई थी।
जांच में फेल हुई इन 11 दवाओं में पेट की एसिडिटी, दर्द, बुखार, बैक्टीरियल संक्रमण, एलर्जी और उच्च रक्तचाप जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं। इनके फेल होने के मुख्य कारण घुलनशीलता (डिसोल्यूशन) और सक्रिय सामग्री की मात्रा (एस्से) से संबंधित थे।
मोहाली में निर्मित दवाओं में एजेन-20 रपेब्राजोल टैबलेट्स आईपी (एसिडिटी), पेंजोल-40 टैबलेट्स पैंटोप्रेजोल गैस्ट्रो रेसिस्टेंट आईपी 40 mg (एसिडिटी और अल्सर) और रैक्सोफेन इबुप्रोफेन और पैरासिटामोल टैबलेट्स आईपी (दर्द और बुखार) शामिल हैं। ये दवाएं एसिड स्टेज, बफर स्टेज और घुलनशीलता परीक्षणों में विफल रहीं।
गुरदासपुर में बनी दवाओं में पोडोरम सेफपोओक्सिम टैबलेट्स आईपी 200 mg (बैक्टीरियल संक्रमण), साइप्रोहेप्टाडीन टैबलेट्स आईपी 4 mg (एलर्जी और अस्थमा), लोपरामाइड हाइड्रो क्लोराइड कैप्सूल्स आईपी 2 mg (दस्त), पैंज़ोल पैंटोप्रेज़ोल सोडियम टैबलेट्स आईपी (एसिडिटी) और एमलोकेयर-एटी अम्लोडिपाइन और एटेनोलोल टैबलेट्स आईपी (उच्च रक्तचाप) शामिल हैं। इनमें से अधिकांश घुलनशीलता या सक्रिय सामग्री की मात्रा के परीक्षण में असफल रहीं।
एसएएस नगर में निर्मित अमोक्सिसिलिन और पोटैशियम क्लावुलानेट टैबलेट्स आईपी (बैक्टीरियल संक्रमण) एस्से और घुलनशीलता में गुणवत्ता समस्याओं के कारण फेल हुई। डेराबस्सी की फेकोपोड सेफपोओक्सिम प्रोक्षेटिल टैबलेट्स 200 mg (संक्रमण) घुलनशीलता परीक्षण में विफल रही। जालंधर में बनी पैरासिटामोल, फेनिलफ्रीन हाइड्रोक्लोराइड और क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट सस्पेंशन (जुकाम, खांसी और एलर्जी) एस्से टेस्ट में असफल पाई गई।